हिंदुत्व इस जीवनपद्धती का स्वीकार करते हुए राष्ट्र सेविका समिती की संस्थापिका वं. लक्ष्मीबाई केळकर ( मौसीजी) ने संघटन के सामने स्त्रीविषयक भूमिका रखी . वह कहती थी "स्त्री राष्ट्र की आधार शक्ती है", "स्त्री रथी नहीं सारथी है" इस प्रकार स्त्री जीवन को पूर्णत्व देने का प्रयास, विचार और कृती से समिती मे किया जाता है .
स्त्री जीवन स्वसंरक्षणक्षम, संस्कारक्षम, स्वावलंबी ,सशक्त ,समाज प्रेमी, राष्ट्रभक्त हो ऐसी रचना समिती की विभिन्न आयामो के द्वारा की जाती है .
मातृशक्ती के पास अपार सृजनशक्ती होती है, इस शक्ती का उपयोग तेजस्वी राष्ट्र निर्माण मे होना चाहिये ,इस संकल्प से युक्त होकर समिती का कार्य बढ रहा है .