स्वराज्य ज्योती संमेलन

Rashtra Sevika Samiti    27-Feb-2024
|


Swarajya Jyoti Sammelan1 
 
मातृत्व का महान आदर्श जिजामाता उनका यह सार्ध त्रिशताब्दी पुण्यस्मरण स्मृती वर्ष है l साथ ही जिजामाता के हिंदवी स्वराज्य संस्थापना के व्रत का उद्यापन याने शिवराज्याभिषेक! इस पवित्र समारोह का यह सार्ध त्रिशताब्दी वर्ष है
 

Swarajya Jyoti Sammelan2 
 
l इन दोनो स्मरणीय मातृ - पुत्र मंगल उत्सव के उपलक्ष में पौष पूर्णिमा जिजामाता के जयंती दिन, 25 जनवरी 2024 को राष्ट्र सेविका समिति के देवगिरी प्रांत और विदर्भ प्रांत द्वारा संयुक्त रूप से बुलढाणा जिले में राजमाता जिजाऊ के जन्मस्थान सिंदखेडराजा में स्वराज्य ज्योती संमेलन का आयोजन किया गया l व्यक्ती के प्राथमिक संस्कार का केंद्र परिवार होता है और संस्कार देने का कार्य महिलायें करती है l अर्थात माँ ही बच्चे का आद्य गुरु होती है l मातृत्व, कर्तृत्व एवं नेतृत्व के साथ साथ राष्ट्रीयता के भाव से मातायें राष्ट्र की भावी पिढी को संस्कारीत करके एक उज्वल राष्ट्र का निर्माण कर सकती है
 

Swarajya Jyoti Sammelan3
 
l इसका आदर्श उदाहरण है राजमाता जिजाऊ l इसलिए स्वराज्य के निर्माता राजा शिवछत्रपती जैसे महान योगी हमारी भारत भूमी पर पैदा हो सके l राष्ट्र सेविका समिति द्वारा आदर्श माने जानेवाली इस स्वराज्य प्रेरिका राष्ट्रमाता का और उनके महान सुपुत्र छत्रपती शिवराय, जिन्होने हिंदू स्वराज्य का सपना पुरा किया, इनका अभिवादन करने के लिए 1200 से अधिक सेविकायें, केंद्रीय पदाधिकारी, क्षेत्रिय पदाधिकारी प्रांतीय पदाधिकारी, प्रचारीका इस संमेलन में उपस्थित थे
 

Swarajya Jyoti Sammelan4 
 
l तीन सत्रो में आयोजित संमेलन के उदघाटन अवसर पर प्रमुख वक्ता राष्ट्र सेविका समिति की अखिल भारतीय कार्यवाहीका माननीय चित्राताई जोशी एवं समापन समारोह की प्रमुख वक्ता राष्ट्र सेविका समिति की अखिल भारतीय सहकार्यवाहीका मा. अलकाताई इनामदार इन मान्यवरोने प्रेरक उदबोधन दियें l राजमाता जिजाऊ की जन्मस्थली मातृतीर्थ से निकाले गये पथसंचलन का सिंदखेडराजा में, जगह जगहपर बडे उत्साह से स्वागत किया गया!!